VTOL ड्रोन ‘रुद्रास्त्र’ ने उड़ाया दुश्मन का ठिकाना!

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान ने भारत के उपर ड्रोन की झड़ी लगा दी थी. जिसे भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम और एंटी ड्रोन गन ने नाकाम कर दिया था. अब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर से सीख लेकर उस पर अमल करना शुरु कर दिया है.
भारतीय सेना अब भविष्य में इसी तरह के खतरों को कम करने के साथ-साथ अधिक मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) ड्रोन को शामिल करने पर आक्रामक रूप से विचार कर रही है.
इसी को ध्यान में रखते हुए भारतीय सेना ने पोखरण में एक ऐसा ड्रोन टेस्ट किया है, जो पाकिस्तान की हर फायरिंग पोजिशन को – सीधे आसमान से तबाह कर सकता है! नाम है – रुद्रास्त्र (RUDRASTRA) … एक स्वदेशी VTOL ड्रोन, जो बिना रनवे के उड़ान भर सकता है… और दुश्मन की छाती पर बम गिरा सकता है.
यह परीक्षण राजस्थान के पोखरण फायरिंग रेंज में किया गया. इस ड्रोन का इस्तेमाल सीमा पार दुश्मन के ठिकानों को तबाह करने के लिए किया जाएगा. इस ड्रोन को सोलर एयरोस्पेस एंड डिफेंस लिमिटेड (SDAL) ने बनाया है.
ये ड्रोन 50 किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर मौजूद लक्ष्यों को भी मार गिराने में सक्षम है. ये ड्रोन दुश्मन की तोपों और अन्य फायरिंग पोजीशन को निशाना बना सकते हैं. ये दुश्मन के इलाके में काफी अंदर तक जाकर हमला करने में सक्षम हैं.
‘रुद्रास्त्र’ ड्रोन ने कुल 170 किलोमीटर की दूरी तय की
परीक्षण के दौरान ‘रुद्रास्त्र’ ड्रोन ने कुल 170 किलोमीटर की दूरी तय की. इसमें लक्ष्य क्षेत्र के ऊपर मंडराना और लगभग डेढ़ घंटे तक हवा में बने रहना शामिल है. ड्रोन से गिराया गया गोला जमीन के ठीक ऊपर हवा में फटा. यह सतह से बेहद कम ऊंचाई पर फटा और सेना की जरूरत के अनुसार एक बड़े इलाके में तय किए गए लक्ष्यों को नष्ट करने में सफल रहा.
वीटीओएल यूएवी बिना किसी रनवे की आवश्यकता के लंबवत उड़ान भर सकते हैं और उतर सकते हैं, जो उन्हें निगरानी, मैपिंग और डिलीवरी जैसे विशेष युद्धाभ्यासों के लिए प्रभावी और बहुमुखी बनाता है, खासकर कठिन इलाकों में.
स्वदेशी हथियारों पर फोकस कर रहा है भारत

भारतीय सेना आधुनिक युद्ध की चुनौतियों से निपटने के लिए स्वदेश में निर्मित हथियारों पर ज्यादा फोकस कर रही है. मानव रहित सिस्टम पर खास ध्यान दिया जा रहा है. अब सेना का ध्यान है – ऐसे ड्रोन हथियारों पर, जो 100 किलोमीटर अंदर तक जाकर दुश्मन की चौकियों पर सर्जिकल अटैक कर सकें. ये ड्रोन ना सिर्फ आतंकी लॉन्च पैड, बल्कि कवर फायर देने वाली पोस्ट को भी उड़ाएगा! सफल परीक्षणों और उचित प्रक्रिया के बाद, इन यूएवी को सेना की आवश्यकता के अनुसार तैनात किया जा सकता है.
रुद्रास्त्र सिर्फ एक ड्रोन नहीं है — ये भारत की आत्मनिर्भर शक्ति का आसमानी जवाब है. अब भारत सिर्फ बचाव नहीं करेगा… अब हमला होगा – वो भी आसमान से!